घुमका काॅलेज में सुभाष चन्द्र बोस जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन
 

घुमका काॅलेज में सुभाष चन्द्र बोस जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन


Venue : Govt. Rani Avanti Bai Lodhi College Ghumka
Date : 23-01-2021
 
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घुमका काॅलेज में सुभाष चंद्र बोस जयंती पर संगोष्ठी का आयोजन


शासकीय रानी अवंतीबाई लोधी महाविद्यालय घुमका, जिला-राजनांदगांव (छ.ग.) में 23 जनवरी 2021 को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 123 वीं जयंती के पावन अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम नेताजी के तैल चित्र पर प्रभारी प्राचार्य डाॅ. बी. के. देवांगन द्वारा दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए डाॅ. देवांगन ने कहा कि नेता सुभाष चंद्र बोस का जन्म कटक उड़ीसा के बंगाली परिवार में हुआ था। उनके पिता जानकीनाथ लब्धप्रतिष्ठ एवं सफल वकील थे। नेता जी का बचपन में ही पढ़ाई में बहुत रूचि थी। उन्होंने आगे की पढ़ाई के लिए कलकत्ता चले गये। वहाँ दर्शनशास्त्र में बी.ए. आनर्स किया। इसी काॅलेज में अंग्रेजी प्रोफेसर के सताए जाने पर नेता जी बहुत विरोध करते थे। उस समय जातिवाद का मुद्दा बहुत उठाया गया था। इससे नेता जी के मन में अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई शुरू हुई थी। नेता जी स्वामी विवेकानंद से बहुत ही प्रभावित थे। उनकी प्रेरणा से नेता जी के मन में देश के प्रति प्रेम एवं आजादी के लिए चिंता थी। फलस्वरूप उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा की नौकरी ठुकरा दी और भारत की आजादी की लड़ाई में कूद गये। डाॅ. के. डी. देशलहरा नेता सुभाषचंद्र बोस जी के जीवन से जुडे़ रोचक तथ्यों की चर्चा करते हुए कहा कि नेता जी भारतीय सिविल परीक्षा में चैथा स्थान प्राप्त किया, परन्तु उन्होने देश की आजादी के लिए आरामदायक नौकरी को छोड़ने का फैसला लिया नेता जी ही महात्मा गांधी जी को राष्ट्रपिता कह कर संम्बोधित किया था। उन्हें 1921 से लेकर 1941 के बीच 11 बार देश के अलग-अलग जेल में कैंद किया गया था। सन् 1944 में नेता जी ने अपनी आजाद हिंद फौज का ‘‘तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूँगा‘‘ नारा दिया जो देश भर में नई कांति लेकर आया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे एवं विद्यार्थियों को जूम एप के माध्यम से आॅनलाईन जोड़ा गया। कार्यक्रम का सफल संचालन श्री विनोद कुमार वर्मा ने किया ।

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